Dahej Pratha Par Nibandh|Dahej Pratha act in Hindi | Dahej Pratha kanoon| Dahej Pratha act in Hindi PDF |Dahej Pratha ke karan
Dahej Pratha (Dowry System): जैसा की नाम सुनते ही आप समझ गए होंगे। (दहेज़) जिसे लड़की वाले की तरफ लड़के वालो को दिया जाने वाले उपहार या वस्तुए। पहले की समय में इस उपहार की सूचि बहुत छोटी होती थी। जिसे लड़की के माता-पिता ख़ुशी से आभूषण और वस्त्र भेट के तौर पर अपनी बेटी को देते थे। लेकिन समय के साथ लड़कों की तरफ से यह सूचि लंबी होती जा रही है। जिसे लड़की के माता-पिता अब जुटा नहीं पा रहे है।
अगर देखा जाए तो हर परिवार में लड़की होती ही है तो सभी परिवारों को दहेज देना ही पड़ता है ऐसे में जब देने की बारी आती है तो खर्चे और महंगाई को देखते हुए आपके मन में भी यह ख्याल आया होगा की दहेज प्रथा नहीं होना चाहिए। लेकिन जब लेने की बारी आती है तो हम यह ख्याल भूल जाते है।
अगर लड़की के माता-पिता अपनी घर की बेटी को दहेज नहीं देना पड़े तो वह अपनी बेटी को एक बेहतर शिक्षा दे सकते है। सिर्फ शिक्षा के दम पर ही इस (दहेज प्रथा) को खत्म किया जा सकते है। अगर लड़की के माता-पिता उसे बेहतर शिक्षा देकर उसे अपने पैरों पर खड़ा होना सिखा सकते है तो श्याद लड़कों को दहेज लेने में शर्म आने लगे। वो सोचने पर मजबूर हो जायेंगे की अब दहेज लेना चाहिए या देना चाहिए। लड़के तो दहेज इसी बात पर लेते है ना की हमारी कमाई इतनी है या हम एक सरकारी कर्मचारी है।
हमारे देश के युवा इतने पढ़े लिखे होने के बाद दहेज जैसी प्रथा को साथ लेकर चल रहे है ये जानते हुए की यह एक कानूनी अपराध है। हमारे देश में दहेज निषेध अधिनियम 1961 में ही बनाया गया है। इसके बाद भी यह प्रथा अभी भी फल फूल रही है। आये दिन अपनी बात सरकार तक पहुंचने के लिए छोटी-छोटी बात के लिए युवा सड़क जाम करने लगते है। ठीक इसी तरह लड़कियों को भी कुछ ऐसा करना चाहिए तभी इस कानून को पूरी तरह हमारे देश लाया जा सकता है।
Dahej Pratha Par Nibandh
Dahej Pratha act in Hindi
दहेज प्रथा को रोकने के लिए 1961 में दहेज निषेध अधिनियम लाया गया। इस अधिनियम में 2 Section है 3 और 4. Section 3 के तहत दहेज लेना और देना दोनों अपराध है और इसके लिए अपराधी को 15000 हजार जुर्माना और 5 साल की सजा दी जा सकती ही। वही Section 4 में दहेज की मांग करने वाले परिवार को 6 महीने से 2 साल तक की साझा सुनाई जा सकती है।
दहेज प्रथा के कारन अगर किसी के बेटी की मृत्यु होती है तो वह आईपीसी की धारा 304 बी के तहत Court में मामला दर्ज करा सकते है। ऐसे में दोषी पाए जाने वाले को 7 साल से लेकर उम्र कैद तक की साझा मिल सकती है।
अभी के समय में दहेज के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने जाने पर सेक्शन 498 A है। इसके तहत लड़के वालो को दहेज की मांग करने पर 3 साल की सजा सुनाई जा सकती है इसमें लड़के के अलावे उसके परिवार पर एक्शन लिया जा सकता है।
डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट: इन एक्ट के बाद भी महिलायें डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट तहत दहेज के खिलाफ अपनी आवाज उठा सकती है। किसी भी महिला
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Dahej Pratha ke karan
परंपरागत धार्मिक विश्वास:-किसी परिवार में दहेज प्रथा को परंपरागत धार्मिक विश्वास मानते है। विवाह में इसे एक परंपरा माना जाता है। लेकिन अभी के समय में इसे बिज़नेस बना दिया गया है।
आर्थिक बोझ:– हमारे समाज में गरीब परिवारों पर दहेज प्रथा एक आर्थिक बोझ बन जाता है। बेटी की शादी के लिए कितने पिता अपना जमीन बेच देते है कई लोग कर्ज ले लेते है।
वैवाहिक उत्पीड़न:– ऐसा देखा जाता है की विवाह में जिन लड़कों को दहेज कम मिलता है वो विवाह के बाद लड़की और पैसे माँगा जाता है पैसे नहीं देने पर लड़की को मारा-पीटा जाता है।
Conclusion
अभी के समय में सबको किताबों के जरिये ये समझाया जाता है की दहेज हम नहीं लेना चाहिए और ना ही देना चाहिए। फिर बड़े होकर वही लोग दहेज मंगाते हैं जितना जय्दा पढ़ाई करते है उनके दहेज का डिमांड भी जय्दा होता है। अभी स्कूल में दहेज़ प्रथा पर निबंध लिखाया जाता है लेकिन बच्चों को इस प्रथा का मतलब नहीं समझाया जाता है। तभी वो बड़े होकर इस प्रथा को अच्छे से निभाते है।